बालकृष्ण शर्मा नवीन राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक काव्य धारा के प्रमुख कवियों में से एक है। “नवीन” का जन्म 8 दिसम्बर, 1897 ई. में ग्वालियर राज्य के भयाना नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम जमनादास शर्मा था। इनके माता-पिता परम वैष्णव ब्राह्मण थे। इनके पिता श्री जमनालाल शर्मा वैष्णव धर्म के प्रसिद्ध तीर्थ श्रीनाथ द्वारा […]
Category: बी.ए. द्वितीय वर्ष (अनिवार्य हिंदी)
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रगतिवादी कविता “तोड़ती पत्थर” की व्याख्या
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म सन् 1896 में बंगाल राज्य की महिषादल नामक रियासत की मेदिनीपुर नामक गांव में हुआ। उनके पिता राम सहाय त्रिपाठी मूलतः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के गढ़कोला नामक गांव के […]
हिंदी साहित्य के रीतिकाल में तीन काव्य धाराएं प्रचलित हुई- रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त। घनानंद रीतिमुक्त काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। घनानंद का जन्म संवत् 1730 ईस्वी में तथा मृत्यु संवत् 1817 ईस्वी में स्वीकार की गई है। घनानंद जाति से कायस्थ थे। घनानंद के लगभग 22 नाम प्राप्त हुए हैं जैसे […]
हिंदी साहित्य के इतिहास को चार भागों में विभाजित किया गया है- आदिकाल, भक्ति काल, रीति काल और आधुनिक काल। आदिकाल साहित्य का आरंभिक काल था तो वही भक्ति काल को हिंदी साहित्य के स्वर्ण युग की संज्ञा दी गई है। भक्ति काल में दो काव्य धाराएँ विकसित हुई- निर्गुण काव्यधारा और सगुण काव्य धारा। […]